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केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लागू किए गए नए कृषि कानूनों का विरोध बढ़ता ही चला जा रहा है. लाखों की संख्या में किसान सड़कों पर हैं और उन्होंने 8 दिसंबर को भारत बंद का एलान कर दिया है. किसान इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. सरकार ये कानून वापस लेने को तैयार नहीं है.

भारतीय किसान यूनियन के महासचिव जगमोहन सिंह ने कहा कि इतने सालों से हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात सुन रहे हैं, अब वो हमारे मन की बात सुनें. उन्होंने कहा कि सरकार ने बातचीत के लिए समय मांगा है, पता नहीं वो किससे बात करेंगे, आफीसर्स से, कॉर्पोरेट घरानों से या नागपुर आरएसएस से.

किसान नेता बलदेव सिंह ने कहा कि गुजरात से 250 नौजवान किसानों का जत्था मोटरसाइकिल से दिल्ली आ रहा है. आंदोलन को तेज करना अब हमारी मजबूरी है क्योंकि केंद्र सरकार हमारे मुद्दों पर संजीदगी से काम नहीं कर रही है.

बलदेव सिंह ने कहा कि उन्होंने हमसे कहा था कि वो 7 तारीख को डॉक्यूमेंट पूरा करके बैठक करेंगे और ऐसा न हुआ तो हमें बताएंगे. फिर हमने उन्हें 8 तारीख दी थी पर उस दिन भारत बंद को तोड़ना हमें सही नहीं लगा. ये उनकी मंशा नहीं थी, हमारी ओर से ही 9 तारीख का समय दिया गया है.

योगेंद्र यादव ने कहा कि 8 तारीख को सुबह से शाम तक भारत बंद रहेगा. चक्का जाम शाम तीन बजे तक रहेगा. दूध-फल-सब्ज़ी पर रोक रहेगी. शादियों और इमरजेंसी सर्विसेज़ पर किसी तरह की रोक नहीं होगी.

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