किसानों को हटाने के लिए पुलिस ने बिजली और टॉयलेट्स हटाने शुरू किए. जिसके बाद तनाव का माहौल हो गया. सिंघु बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारियों और कथित स्थानीय लोगों के बीच हिंसक झड़प के बाद टिकरी बॉर्डर पर भी स्थिति तनावपूर्ण बन गयी. सिंघु बॉर्डर पर कथित स्थानीय लोग कहते सुने गए कि तिरंगे का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान.
इन लोगों का कहना है कि प्रदर्शनों की वजह से उनका कामकाज ठप्प पड़ा है और अब वे इन प्रदर्शनों को चलने नहीं देंगे. इस बीच कुमार विश्वास ने चार लाइने शेयर की हैं.
देश के मशहूर कवि कुमार विश्वास ने लिखा कि चटखे हुए गिलास को ज्यादा न दाबिए, पैरों टेल की घास को ज्यादा न दाबिए, ऐसा न हो कि खून ये दामन पे जा लगे. जख्मों के आसपास को ज्यादा न दाबिए. ये लाइनें डॉ कुंवर बेचैन ने लिखी हैं. हालांकि साफ़ तौर पर नहीं कहा जा सकता कि कुमार विश्वास ने ये लाइनें किस सन्दर्भ में लिखी हैं. उनका ये पुराना ट्वीट था जिसे आज उन्होंने फिर रिट्वीट किया.
चटखे हुए गिलास को ज़्यादा न दाबिए,
पैरों तले की घास को ज़्यादा न दाबिए,
ऐसा न हो कि ख़ून ये दामन पे जा लगे,
ज़ख़्मों के आसपास को ज़्यादा न दाबिए !
(डॉ कुँअर बेचैन)— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) September 20, 2020
इससे पहले लालकिला हिंसा पर कुमार विश्वास ने कहा था कि संविधान की मान्यता के पर्व पर देश की राजधानी के दृश्य लोकतंत्र की गरिमा को चोट पहुंचाने वाले हैं. याद रखिए देश का सम्मान है तो आप हैं.