कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस कर कोरोना की दूसरी लहर के लिए सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि हमने समय रहते सरकार को सलाह दी मगर हमारे सुझावों को मानने के बजाए हमारा मजाक उड़ाया गया.

राहुल गांधी ने कहा कि दिक्कत यह है कि सरकार को और प्रधानमंत्री को कोरोना समझ ही नहीं आया और आज तक नहीं समझ आया है. कोरोना सामान्य बीमारी नहीं है बल्कि स्वरूप बदलती हुई बीमारी है. जितना समय इसे देंगे, यह उतनी खतरनाक होगी. मैंने पिछले साल फ़रवरी में कहा कि, जगहों को बंद कीजिए, कोरोना को आप समय मत दीजिए, दरवाजे बंद कर दीजिए, लेकिन सुना ही नहीं गया.

उन्होंने कहा कि कोरोना को रोकने का क्या तरीका है? कोरोना आक्रमण कैसे करता है? जिन लोगों के पास भोजन नहीं है, जो कमजोर हैं, उन पर यह आक्रमण करता है, यानी हिन्दुस्तान के गरीब तबके को ये सबसे ज्यादा प्रभावित करता है.

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कांग्रेस नेता ने कहा कि कोरोना को रोकने के तीन-चार तरीके हैं. सबसे पहला और स्थायी तरीका है वैक्सीन, लॉकडाउन रास्ता है लेकिन उससे लोगों को कष्ट होता है, दुःख होता है, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क भी अस्थायी तरीके हैं.

राहुल ने कहा कि अगर आपने टीकाकरण जल्द नहीं किया तो वायरस आपकी पकड़ से बाहर हो जाएगा. अगर आप वायरस को हिंदुस्तान में आने देंगे, फैलने देंगे, रोकेंगे नहीं तो यह अपना स्वरूप बदलता जाएगा. हम वैक्सीन कैपिटल हैं. यहाँ पर मैं आपको कहना चाहता हूँ कि यह जो दूसरी लहर है वह प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी है. दूसरी लहर का कारण ही प्रधानमंत्री जी की नौटंकी है.

उन्होंने कहा कि मैंने और बहुत सारे लोगों ने सरकार को कोरोना की चेतावानी दी. एक बार नहीं बल्कि निरंतर यह चेतावनी दी गयी. लेकिन सरकार ने हमारा मजाक उड़ाया. प्रधानमंत्री ने इस पर विजय की घोषणा तक कर दी थी.

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