भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने संकेत दिया है कि सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध अक्टूबर से पहले ख़त्म नहीं होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमारा नारा है कि कानून वापसी नहीं, तो घर वापसी नहीं. आगे कहा कि यह आंदोलन जल्द समाप्त नहीं होगा.

तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली सीमाओं पर पिछले दो महीने से ज्यादा वक्त से आंदोलन कर रहे हैं. किसानों की मांग इन कानूनों को वापस लेने समेत एमएसपी पर कानून बनाने की है. किसानों का दावा है कि सरकार ये कानून चंद उद्योगपतियों की मदद करने के लिए लाई है, जबकि केंद्र कानूनों को कृषि सेक्टर में सुधार लाने के लिए बताती रही है.

राकेश टिकैत ने मंगलवार को कहा कि हमने सरकार को बता दिया कि यह आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा. अक्टूबर के बाद आगे की तारीख देंगे. बातचीत भी चलती रहेगी. नौजवानों को बहकाया गया है और उनको लाल किले का रास्ता बताया गया कि पंजाब की कौम बदनाम हो. किसान कौम को बदनाम करने की कोशिश की गयी है.

इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत गाजीपुर में किसानों के प्रदर्शन स्थल पहुंचे और राकेश टिकैत से मुलाकात की. राउत ने इस दौरान कहा कि 26 जनवरी के बाद जिस तरह से यहां तोड़फोड़ हुई और टिकैत व आंदोलन के दमन की कोशिश की गयी, हमने महसूस किया कि किसानों के साथ खड़े रहना और पूरे महाराष्ट्र तथा उद्धव ठाकरे साहब की ओर से समर्थन करना हमारी जिम्मेदारी है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here