लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का आज दिल्ली में इलाज के दौरान निधन हो गया. पासवान बीते कुछ समय से बीमार चल रहे थे और दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती थे. हाल में ही उनका दिल का ऑपरेशन हुआ था. उनके निधन की खबर से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई.
रामविलास पासवान का राजनीतिक करियर काफी लंबा रहा है हाल में ही उन्होंने चुनावी राजनीति के 50 साल पूरे किए थे. 74 वर्षीय पासवान को 6 प्रधानमंत्रियों के साथ काम करने का मौका मिला. रामविलास पासवान का जन्म बिहार के खगड़िया जिले के शहरबन्नी गांव में हुआ था.
पटना यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद उनका चयन डीएसपी पद पर हुआ. साल 1969 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से पहली बार विधायक बने. उनके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. वो 6 प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री के पद पर रहे. उन्हें भारतीय राजनीति का मौसम वैज्ञानिक भी कहा जाता था.
रामविलास पासवान ने विश्वनाथ प्रताप सिंह, एचडी देवगौड़ा, इंद्र कुमार गुजराल, अटल बिहारी बाजेपई, मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के साथ काम किया. मोदी सरकार में वो उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्री थे. तबियत खराब होने की जवह से हाल में ही उन्होंने अपने बेटे चिराग पासवान को अपना उत्तराधिकारी बनाया था.