लंबे समय से चले आ रहे रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद अब ख’त्म होने की कगार पर पहुंच गया है. देश की सर्वोच्य अदालत में इस मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है. 17 नवंबर से पहले हर हाल में इस मुकदमे का फैसला आ जाएगा क्योंकि मुख्य न्यायाधीश रिटायर हो रहे हैं.
सुनवाई के अंतिम दिन को’र्ट में जो कुछ हुआ चर्चा का विषय बना हुआ है. सु’न्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने हिं’दू पक्षकार के वकील की ओर से पेश नक्शा भरी अदालत में फाड़ दिया. धवन की इस हरकत से नाराज श्रीरामजन्म भूमि न्यास के सदस्य रामविलास वेदांती ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस तरह से नक्शा फाड़ना निंदनीय है.
उन्होंने कहा कि मैं तो इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाने जा रहा था मगर कोर्ट के निर्णय में कोई बाधा न आए इसलिए ऐसा नहीं किया. वेदांती ने आरोप लगाते हुए कहा कि राजीव धवन को सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से मुकदमा लड़ने के लिए आतं’कवादियों से फंडिंग होती है.
अब उन्हें अपनी फंडिंग बंद होने का खतरा महसूस हो रहा है इसलिए वो इस तरह की हरकतें कर रहे हैं. उन्हें अंदाजा हो गया है कि वो केस हार रहे हैं. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंपे कहा कि कांग्रेस 70 साल तक लोगों को इंतेजार करवाती रही.
वो नहीं चाहती कि अयोध्या में राम का मंदिर बने और इस मसले का समाधान हो. उन्होंने ये भी कहा कि आज देश का 95 प्रतिशत मुसलमान ये चाहता है कि अयोध्या में राम मंदिर बने.