कृषि कानून का विरोध कर रहे किसानों को अब विपक्षी दलों ने खुलकर समर्थन देने का एलान कर दिया है. कल किसानों की ओर से बुलाए गए भारत बंद को एक दर्जन से अधिक राजनीतिक दलों ने समर्थन की घोषणा कर दी है. कांग्रेस, सपा, बसपा, राजद, एनसीपी, शिवसेना सहित तमाम दल किसानों के साथ खड़े नजर आ रहे हैं. विपक्षी दलों द्वारा सरकार को समर्थन देने पर अब सत्ताधारी दल बीजेपी भड़क गई है.
भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि किसानों से संबंधित सुधारों को लेकर जो कानून बने हैं, उसको लेकर कुछ किसान संगठनों ने जो शंका उठायी है उसके लिए चर्चा हो रही है, वो चर्चा की अपनी प्रक्रिया है जो सरकार कर रही है. लेकिन अचानक तमाम विपक्षी या गैर भाजपाई दल कूद गए हैं.
उन्होंने कहा कि आज जब कांग्रेस का राजनीतिक वजूद खत्म हो रहा है, ये बार-बार चुनाव में हारते हैं चाहे वो लोकसभा हो, विधानसभा हो या नगर निगम चुनाव हो. ये अपना अस्तित्व बचाने के लिए किसी भी विरोधी आंदोलन में शामिल हो जाते हैं.
कांग्रेस पार्टी ने 2019 के चुनाव में अपने चुनाव घोषणा पत्र में साफ-साफ कहा है कि एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट एक्ट को समाप्त करेगी और किसानों को अपनी फसलों के निर्यात और व्यापार पर सभी बंधनों से मुक्त करेगी.
भाजपा नेता ने कहा कि किसान आंदोलन के नेताओं ने साफ-साफ कहा है कि राजनीतिक लोग हमारे मंच पर नहीं आएंगे. हम उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं. लेकिन ये सभी कूद रहे हैं, क्योंकि इन्हें भाजपा और नरेन्द्र मोदी का विरोध करने का एक और मौका मिल रहा है.