झारखण्ड के दूरस्थ गांव खुंति की रहने वाली लिली पूर्ती ने कभी नहीं सोचा था कि उसकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो पाएगी. बेमौसम बरसात और सिंचाई का कोई साधन नहीं है. ऐसे में फसल उपजा पाना काफी मुश्किल है यहां. जब अधिकारियों ने पूर्ती को जोहार योजना के बारे में बताया तो मानो उनकी जिन्दगी ही बदल गयी.

जोहार योजना ग्रामीण विकास विभाग झारखण्ड सरकार द्वारा संचालित है, जो विश्व बैंक द्वारा वाह्य वित्त पोषित है. इस परियोजना का उद्येश्य चयनित ग्रामीण परिवारों की कृषि एवं गैर कृषि आजीविका संबंधी गतिविधियों की उत्पादों में विविधता एवं उत्पादकता बढ़ाना है.

इस योजना से कई फसलें उगाने में मदद हुई. जिससे पूर्ती कुछ ही महीने में अपनी आय तीन गुनी कर पायी. पूर्ती ने सिंचाई के साधन की मदद से एक साल में सिर्फ एक ही नहीं बल्कि कई फसलें उगाई. अभी तक बंजर पड़ी भूमि को भी उपजाऊ बनाया.

इससे पहले पूर्ती की काफी भूमि खाली ही पड़ी रहती थी, क्योंकि कई अन्य लोगों की तरह उसके पास भी सिंचाई का साधन नहीं था. मिट्टी के तेल या डीजल से चलने वाले पंप महंगे पढ़ते हैं. अब पूर्ती कहती हैं कि सोलर पॉवर पम्प के गांव में आने से पहले सिर्फ तीन महिलाएं ही सब्जियां उगा पाती थीं, लेकिन अब 18 से भी ज्यादा महिलाएं सब्जियां उगा रही हैं.

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