नए कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है. सुनवाई करते हुए भारत के मुख्य न्यायधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वो फिलहाल कानूनों की वैधता तय नहीं करेगा. अदालत ने कहा कि आज हम जो पहली और एकमात्र चीज तय करेंगे, वो किसानों के विरोध प्रदर्शन और नागरिकों के मौलिक अधिकारों को लेकर है.

सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि उनमें से कोई भी फेस मास्क नहीं पहनता है, वे बड़ी संख्या में एक साथ बैठते हैं. कोविड-19 एक चिंता का विषय है. वे गांव जाएंगे और वहां कोरोना फैलाएंगे. किसान दूसरों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं कर सकते.

वहीं सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर पूछे गए एक सवाल पर हरिंदर सिंह ने कहा कि शीर्ष अदालत से हमारी यही गुहार है कि पहले नए कृषि कानूनों पर रोक लगाई जाए, फिर समस्याओं के समाधान निकालने का आदेश दिया जाए. एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने मामले में केंद्र सरकार के साथ-साथ पंजाब और हरियाणा की सरकारों को नोटिस जारी कर किसानों के मसले के समाधान के लिए कमिटी बनाने की बात कही थी.

गौरतलब है कि किसान दिल्ली सीमा पर पिछले कई दिनों से नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान और सरकार के बीच समाधान के लिए हुए बातचीत भी बेनतीजा रही है.

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