देश के सबसे चर्चित और अहम मामले में सुप्रीमको’र्ट से आने वाले फैसले की घड़ी अब नजदीक है. 17 नवंबर से पहले मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच इस मामले में फैसला सुनाने जा रही है. मामला देश के दो बड़े संप्रदा’य से जुड़ा है इसलिए फैसले से पहले सुरक्षा व्यवस्था के लिए हर तरह से तैयारियां की जा रही हैं.

केंद्र और राज्य सरकारें सुरक्षा के मुकम्मल इतेजामात में लगी हुई है. मामला उत्तर प्रदेश से जुड़ा है लिहाजा इस फैसले का सबसे ज्यादा असर यहीं पर पड़ने की संभावना है. इसी बात के मद्दे नजर केंद्र सरकार ने 4000 जवानों को यूपी भेज दिया है. थाना स्तर से लेकर सीएम स्तर तक बैठकों का दौर शुरू है.

सुप्रीमकोर्ट ने भी तैयारियों का जाएजा लेने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी और डीजीपी ओपी सिंह को तलब किया है. माना जा रहा है कि अयोध्या मामले में सुप्रीमकोर्ट के संभावित फैसले के पहले तैयारियों का जायजा लेने के लिए यह बैठक बुलाई गई है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मंडलों एवं जनपदों के वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को ये निर्देश दिए. उन्होंने अयोध्या सहित प्रदेश के अन्य जनपदों में कानून व्यवस्था की समीक्षा की.

उन्होंने प्रदेश स्तर पर और प्रत्येक जनपद में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित कर तुरन्त संचालित करने के निर्देश दिए. ये नियंत्रण कक्ष 24 घण्टे लगातार कार्य करेंगे. सुरक्षा व्यवस्था के तहत दो हेलीकॉप्टर लखनऊ और अयोध्या में तैनात होंगे.

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